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कर्नाटक के कलबुरगी जिले में 29 जनवरी से 6 फरवरी 2025 के बीच  भारतीय संस्कृति उत्सव का आयोजन हो रहा है। वास्तव में यह उत्सव भारत की प्राचीन 'संगम' परंपरा का ही एक नया रूप है। सज्जन शक्तियों के बीच संवाद, सहमति और सहकार का माहौल बने इसके लिए  240 एकड़ के परिसर में एक नया संसार बसाया है जहां 9 दिनों में 90 विचार नायकों, 9,000 कार्यकर्ताओं के साथ लगभग 30 लाख लोगों की भागीदारी होगी।   इस अनोखे आयोजन का हिस्सा बनें और भारत के एक अद्भुत स्वरूप का अपनी आंखों से स्वयं साक्षात्कार करें। ऐसा जाहिर आवाहन श्री कोत्तल बसवेश्वर भारतीय शिक्षण समिति, भारत विकास संगम, विकास अकादमी द्वारा आज मुंबई प्रेस क्लब में प्रसार माध्यमोंद्वारा किया गया। यह उत्सव समाज का उत्सव है। यहां  एक नया भारत दिखेगा, ऐसा भारत जिसे अपने ऊपर भरोसा है और जो आगे बढ़कर आने वाले सुंदर भविष्य का निर्माण करने में तल्लीन है।  भारत के विकास में समाज की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है। जरूरत इस बात की है कि समाज आगे बढ़कर सरकार को रास्ता दिखाए। समाज की सक्रिय भागीदारी से ही यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि भारत का विकास यहां की संस्कृति, परंपरा और मूल्यों के अनुरूप हो। केवल सरकार के भरोसे रहने से बात नहीं बनेगी। इस दिशा में यह उत्सव प्रयास करेगा ।

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